- नृत्य कला, नृत्य की उत्पत्ति कथा।
- भारतीय शास्त्रीय नृत्यों के प्रकार (कथक, भरतनाट्यम, कथकली, कुचिपुड़ी, मणिपुरी, मोहिनीअट्टम
एवं उड़िसी)
- कथक नृत्य में प्रयुक्त होने वाले पारिभाषिक शब्द -
ताल, मात्रा, लय, सम, ताली, खाली, ठेका, ठाह (बराबर), दुगुन, चौगुन, आवर्तन, पल्टा, पढन्त, गत,
टुकड़ा, सलामी, आमद, चाल, बाँट, तत्कार
- असंयुक्त हस्त मुद्राएँ - पताका, त्रिपताका, अर्धपताका, अर्धचन्द्र, अराल, कर्तरीमुख, सूची, चन्द्रकला,
शुकतुन्ड, मुष्ठी, शिखर, मयूर, कपित्थ, कटकामुख, पद्मकोष।
- घुँघरूओं की विशेषता व महत्व
- घरानों की जानकारी (लखनऊ, जयपुर, बनारस)। प्रत्येक घरानों के प्रमुख कलाकारों के नाम।
- ताल त्रिताल, ताल झपताल की ठाह (बराबर) दुगुन, चौगुन को ताललिपि में लिखने का अभ्यास।
- ठेका - दादरा, कहरवा
- जीवनी - पं. नारायण प्रसादजी, पं. जयलालजी
- सीखे हुए बोलो को लिपिबद्ध करना।
- कथक नृत्य शिक्षा - पुरूदाधीच
- कथक श्रृंगार - तीरथ राम आजाद
- कथक (भाग 1) - रीमा गोयल
- संगीत प्रेमांजली (मलिक एण्ड कम्पनी)