Prathma (Theory)

Paper Code: 
KDN 131
Credits: 
2
Max. Marks: 
100.00
Unit I: 
नृत्य कला, नृत्य की उत्पत्ति कथा।
 
भारतीय शास्त्रीय नृत्यों के प्रकार (कथक, भरतनाट्यम, कथकली, कुचिपुड़ी, मणिपुरी, मोहिनीअट्टम
 एवं उड़िसी)
 
 
Unit II: 
कथक नृत्य में प्रयुक्त होने वाले पारिभाषिक शब्द -
 ताल, मात्रा, लय, सम, ताली, खाली, ठेका, ठाह (बराबर), दुगुन, चौगुन, आवर्तन, पल्टा, पढन्त, गत,
 टुकड़ा, सलामी, आमद, चाल, बाँट, तत्कार
 
असंयुक्त हस्त मुद्राएँ - पताका, त्रिपताका, अर्धपताका, कर्तरीमुख, मयूर, अर्धचन्द्र, अराल,  शुकतुन्ड, मुष्ठी, शिखर,  कपित्थ, कटकामुख,  सूची, चन्द्रकला, पद्मकोष।
 
Unit III: 
घुँघरूओं की विशेषता व महत्व
 
घरानों की जानकारी (लखनऊ, जयपुर, बनारस)। प्रत्येक घरानों के प्रमुख कलाकारों के नाम।
 
Unit IV: 
ताल त्रिताल, ताल झपताल की ठाह (बराबर) दुगुन, चौगुन को ताललिपि में लिखने का अभ्यास।
 
ठेका - दादरा, कहरवा
 
Unit V: 
जीवनी - पं. नारायण प्रसादजी, पं. जयलालजी
 
सीखे हुए बोलो को लिपिबद्ध करना।
 
References: 
कथक नृत्य शिक्षा - पुरूदाधीच
 
कथक श्रृंगार - तीरथ राम आजाद
 
कथक (भाग 1) - रीमा गोयल
 
संगीत प्रेमांजली (मलिक एण्ड कम्पनी)
 
Academic Year: