KATHAK DANCE

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KDN 331

अभिनय दर्पण के अनुसार ग्रीवा-भेद (इनका कथक नृत्य में उपयोग)
पारिभाषिक शब्दः हाव-भाव, कसक-मसक, कटाक्ष, अंदाज, थाट।

अभिनय दर्पण के अनुसार शिरो-भेद - इनका कथक नृत्य में उपयोग।
संयुक्त हस्तमुद्राएं- अंजली, कपोत, कर्कट, स्वास्तिक, डोला, पुष्पपुट, उत्संग, शिवलिंग, कटकवर्धन, कर्त्तरीस्वास्तिक, शकट, शंख, चक्र, सम्पुट, पाश, कीलक, मत्सय, कूर्म, वराह, गरूड़, नागबन्ध, खट्वा,भेरूदण्ड।

जीवनी एवं योगदानः पं. कुंदनलालजी, श्रीमती रोहिणी भाटे, पं. बिरजू महाराज

संक्षिप्त परिचय- ताण्डव, लास्य, नटवरी, प्रमेलू, द्रुत, मध्य, विलम्बित, नगमा।
सीखे गये बोलों को लिपिबद्ध करने का अभ्यास।

निर्धारित तालों को ठाह, दुगुन, चौगुन को लिपिबद्ध करने का अभ्यास- ठेका- एकताल, चौताल, त्रीवा, सवारी (15मात्रा), शिखर (17मात्रा)
नवरस, नायक- नायिका भेद का संक्षिप्त परिचय।

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