Unit I:
नृत्य कला, नृत्य की उत्पत्ति कथा। भारतीय शास्त्रीय नृत्यों के प्रकार (कथक, भरतनाट्यम, कथकली, कुचिपुड़ी, मणिपुरी, मोहिनीअट्टम एवं उड़िसी)
Unit II:
कथक नृत्य में प्रयुक्त होने वाले पारिभाषिक शब्द - ताल, मात्रा, लय, सम, ताली, खाली, ठेका, ठाह (बराबर), दुगुन, चौगुन, आवर्तन, पल्टा, पढन्त, गत, टुकड़ा, सलामी, आमद, चाल, बाँट, तत्कार असंयुक्त हस्त मुद्राएँ - पताका, त्रिपताका, अर्धपताका, कर्तरीमुख, मयूर, अ
Unit III:
घुँघरूओं की विशेषता व महत्व। घरानों की जानकारी (लखनऊ, जयपुर, बनारस)। प्रत्येक घरानों के प्रमुख कलाकारों के नाम।
Unit IV:
ताल त्रिताल, ताल झपताल की ठाह (बराबर) दुगुन, चौगुन को ताललिपि में लिखने का अभ्यास। ठेका - दादरा, कहरवा
Unit V:
जीवनी - पं. नारायण प्रसादजी, पं. जयलालजी सीखे हुए बोलो को लिपिबद्ध करना।